“दिव्यांग बेटी के सपनों को उड़ान: जमुई की मां नंदना कुमारी की प्रेरणादायक कहानी, IAS बनने का है लक्ष्य”

जमुई से एक ऐसी मां की कहानी सामने आई है, जो अपनी दिव्यांग बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लक्ष्मीपुर प्रखंड की रहने वाली 21 वर्षीय सुप्रिया कुमारी, जो दोनों पैरों से दिव्यांग हैं और उनकी ऊंचाई मात्र डेढ़ फुट है। वो बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।

बता दें कि सुप्रिया की मां नंदना कुमारी रोजाना अपनी बेटी को गोद में उठाकर परीक्षा केंद्र तक ले जाती हैं। इसके लिए उन्हें तीन अलग-अलग वाहन बदलने पड़ते हैं और दो मंजिला परीक्षा भवन की 26 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। नंदना कुमारी, जो खुद मैट्रिक पास हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी में बचपन से ही पढ़ने की ललक थी। सुप्रिया ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं भी इसी तरह दी थीं।

सुप्रिया के पिता पंकज कुमार साह एक इलेक्ट्रीशियन हैं और लक्ष्मीपुर में एक छोटी दुकान चलाते हैं। चार बच्चों के परिवार में आर्थिक तंगी के बावजूद वे अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने देना चाहते है। सरकार की ओर से सुप्रिया को केवल 400 रुपए की मासिक दिव्यांगता पेंशन मिलती है। पांच साल पहले मिली ट्राई साइकिल भी अब खराब हो चुकी है।

नंदना कुमारी का कहना है कि इन सभी चुनौतियों के बावजूद सुप्रिया का लक्ष्य IAS अधिकारी बनने का है। उनका कहना है कि शिक्षा ही उनकी बेटी के लिए बेहतर भविष्य का एकमात्र रास्ता है। सुप्रिया बताती है कि दोनों पैरों से दिव्यांग होने के कारण परेशानियां तो बहुत होती है। मम्मी पापा हिम्मत देते हैं, मैं पढ़कर अपने मम्मी पापा के लिए कुछ करना चाहती हूं। मैं पढ़कर आईएएस बनना चाहती हूं।

 


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