शिक्षा विभाग की बड़ी घोषणा: 40,000 महिला शिक्षकों को इस महीने मिलेगी खुशखबरी
शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि इस महीने करीब 40,000 महिला शिक्षकों के स्वैच्छिक तबादले किए जाएंगे, जिन्होंने लंबी दूरी की पोस्टिंग के आधार पर आवेदन किया था। यह फैसला उन कई शिक्षकों के लिए राहत की बात है, जो अपने घर के नजदीक पोस्टिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सोमवार को मीडिया से यह जानकारी साझा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तबादला प्रक्रिया से महिला शिक्षकों को फायदा होगा, लेकिन पुरुष शिक्षकों को अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल मुख्याध्यापकों, प्रधानाध्यापकों और तीसरे चरण की भर्ती के दौरान नियुक्त किए गए शिक्षकों की पोस्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। तबादलों के लिए किसी भी पुरुष शिक्षक पर विचार करने से पहले इन नियुक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी
इस बीच, सोमवार को तारडीह गोट स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उच्च एवं मध्य विद्यालय के शिक्षकों के लिए पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण सत्र शुरू हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन बीआरपी नित्यानंद चौधरी, प्रधानाध्यापक अमर जी झा और प्रशिक्षक सतीश कुमार झा, रविशंकर झा और अंजनी नंदन ठाकुर समेत प्रमुख गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर गहन जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि इस जानकारी को छात्रों तक कैसे पहुंचाया जाए, ताकि बच्चे अपना स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती बनाए रख सकें। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में लौटेंगे, जहां वे छात्रों को व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व के बारे में शिक्षित करेंगे, जिससे छात्र स्वस्थ रह सकें और आम बीमारियों से बच सकें।
लेखाकार विजय भगत ने प्रशिक्षण के एक महत्वपूर्ण पहलू को भी संबोधित किया, जिसमें कहा गया कि शिक्षकों को सिखाया जाएगा कि वे छात्रों को बड़े होने पर होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के दौरान मार्गदर्शन कैसे करें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चों को महत्वपूर्ण विकासात्मक चरणों के दौरान उचित सहायता मिले।
25 शिक्षक जांच के घेरे में: वेतन निलंबित
एक अलग बात यह है कि शिक्षा विभाग ने पिछले साल जहानाबाद में योग्यता परीक्षा के दौरान उनके दस्तावेजों में विसंगतियों के बाद 25 शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। जांच में मुख्य रूप से PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) कार्ड की अनुपस्थिति या बेमेल का पता चला, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज है।
इन अनियमितताओं के कारण, विभाग ने आगे की जांच पूरी होने तक 25 शिक्षकों के वेतन को अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस मामले में शामिल शिक्षकों की नियुक्ति अवैध तरीकों से की गई थी या नहीं, लेकिन विभाग ने उनकी नियुक्तियों की वैधता निर्धारित करने के लिए गहन जांच शुरू कर दी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश पासवान ने कहा कि विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सरकारी विभागों में PRAN नंबरों का मिसमैच या मिसिंग होना एक अहम मुद्दा है और विभागीय स्तर पर इसके सत्यापन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।
शिक्षकों ने समय पर वेतन भुगतान की मांग की
साथ ही, होली और रमजान जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान वेतन में देरी को लेकर शिक्षकों में निराशा बढ़ रही है। शिक्षक संघ के नेताओं के अनुसार, कई शिक्षक कई दिनों से वेतन के बिना हैं और वे इस देरी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा इस देरी के लिए HRMS (मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली) में तकनीकी गड़बड़ियों का हवाला दिया गया है, लेकिन संघ के नेता इसे बहाना बता रहे हैं।
शिक्षकों को कथित तौर पर अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, वेतन में देरी के कारण कई लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। कुछ लोग इन त्योहारों के समय में इलाज कराने या अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं। शिक्षक संघ ने सरकार से अगले दो दिनों के भीतर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने की सख्त मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर स्थिति जल्द ही हल नहीं हुई तो उनके पास विरोध प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। संघ ने आगे कहा कि अगर ऐसी कार्रवाई जरूरी हुई तो इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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