जमुई की जिलाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक मदन कुमार आनंद के संयुक्त नेतृत्व में आगामी त्योहार ईद, चैती छठ पूजा एवं रामनवमी के दौरान शांति, सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए समाहरणालय के सभाकक्ष में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर के अधिकारी, पुलिस अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न समुदायों के लोगों ने भाग लिया।
जिला मजिस्ट्रेट ने सभी पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। अधिकारियों को सतर्क रहने एवं सांप्रदायिक तनाव, डूबने का खतरा या भगदड़ जैसी स्थिति सहित किसी भी संभावित घटना से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया। उन्हें पूजा स्थलों के प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर सख्त नियंत्रण बनाए रखने, भीड़ को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने तथा पूरे त्योहार के दौरान यातायात को सुचारू रूप से चलाने की सलाह दी गई।
मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों को वास्तविक समय में संचार एवं समन्वय को बढ़ावा देने के लिए नामित कानून एवं व्यवस्था व्हाट्सएप ग्रुप में अपनी चिंताओं एवं सुझावों को सक्रिय रूप से साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। आगामी त्योहारों को शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्वक संपन्न कराने के लिए निर्णय लिया गया कि जिले और प्रखंडों में वाहन गश्ती और पैदल गश्ती की जाएगी।
मजिस्ट्रेट के सहयोग से की जाने वाली ये गश्ती कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होगी। धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रवेश और निकास द्वारों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था लागू की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे किसी भी संभावित उपद्रवी पर कड़ी नजर रखें और गलत या भ्रामक सूचना फैलाने वालों के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखें। सुरक्षा बढ़ाने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर बैरिकेडिंग भी की जाएगी।
इस बात पर जोर दिया गया कि जमुई जिले में विभिन्न समुदायों के सदस्यों के साथ भाईचारे और सहयोग के साथ त्योहारों को सौहार्दपूर्वक मनाने की पुरानी परंपरा रही है। ऐतिहासिक रूप से, बहुत कम उपद्रव हुए हैं और छोटी-मोटी घटनाएं, जब भी होती हैं, स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से तेजी से हल की जाती हैं।
बैठक के दौरान, अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ईद, चैती छठ पूजा और रामनवमी सभी त्योहार समाज में सद्भाव और मैत्री का संदेश देते हैं। उन्होंने समुदाय के लोगों से सतर्क रहने तथा शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी असामाजिक तत्व की सूचना देने का आग्रह किया। इन त्योहारों के सुचारू रूप से संपन्न होने के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ जनता का सहयोग आवश्यक माना गया।
पुलिस अधीक्षक मदन कुमार आनंद ने इस बात पर जोर दिया कि शांति समिति की बैठक का प्राथमिक उद्देश्य ईद और अन्य त्योहारों की व्यापक तैयारी सुनिश्चित करने के लिए जनता और प्रशासन के बीच खुला संवाद स्थापित करना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ईद की खरीदारी के दौरान बाजार क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस गश्ती होगी, ताकि किसी भी खरीदार को कोई असुविधा न हो।
उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी सांप्रदायिक तनाव को फैलाने या बढ़ाने से बचने का भी आह्वान किया। बैठक के दौरान नगर परिषद जमुई, नगर पंचायत झाझा, नगर पंचायत सिकंदरा के कार्यपालक पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को त्योहार के दौरान सार्वजनिक क्षेत्रों में साफ-सफाई और पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। अनुमंडल पदाधिकारियों को संवेदनशील स्थानों की पहचान करने और मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की समुचित तैनाती सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा गया।
त्योहारों के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के सख्त निर्देश दिए गए। जरूरत पड़ने पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट ने विशेष रूप से सभी उप-मंडल और ब्लॉक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और थानाध्यक्षों को नमाज के समय प्रमुख ईदगाहों पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया, ताकि भीड़ पर नजर रखी जा सके और किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत निपटा जा सके।
बैठक में सभी जिला स्तरीय अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, उप-मंडल अधिकारी, पुलिस अधिकारी और शांति समिति के सदस्य शामिल हुए, जिन्होंने सामूहिक रूप से त्योहारों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया। प्रशासन और जनता की साझा प्रतिबद्धता से जिले में एकता और आपसी सम्मान के साथ त्योहार मनाने की परंपरा को बनाए रखने में मदद मिलने की उम्मीद है।
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