बुधवार की देर रात झाझा-जमुई रेल खंड पर गिधौर और चौरा के बीच ट्रैक्शन वायर में अचानक खराबी आने से अप लाइन पर करीब पांच घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। इस घटना से काफी व्यवधान उत्पन्न हुआ और रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों में तत्परता की भावना पैदा हुई, जिन्होंने समस्या का पता लगाने और उसे ठीक करने के लिए अथक प्रयास किया। परिचालन ठप होने से दर्जनों ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें यात्री और मालगाड़ियां दोनों शामिल थीं, जिससे कई यात्री फंस गए और चिंतित हो गए।
ट्रेन परिचालन में प्रमुख व्यवधान
विभिन्न स्टेशनों पर एक दर्जन से अधिक एक्सप्रेस, यात्री और मालगाड़ियां रुक गईं, जिससे ट्रेनों के शेड्यूल पर काफी असर पड़ा। रुकी हुई ट्रेनों में पंजाब मेल एक्सप्रेस को गिधौर रेलवे स्टेशन पर रुकना पड़ा, जबकि अन्य प्रमुख ट्रेनें, जैसे गंगासागर एक्सप्रेस (13185) और विभूति एक्सप्रेस (12333), करीब पांच घंटे तक झाझा स्टेशन पर फंसी रहीं। देरी से चिंतित यात्रियों ने परिचालन फिर से शुरू होने का इंतजार करते हुए बढ़ती चिंता व्यक्त की। ट्रैक्शन वायर में खराबी
यह खराबी सबसे पहले रात करीब 12:30 बजे देखी गई, जब 13007 अप पंजाब मेल एक्सप्रेस को झाझा स्टेशन पर अप लाइन से सिग्नल मिला और वह आसानी से रवाना हो गई। हालांकि, स्टेशन से निकलने और दादपुर से गुजरने के कुछ ही देर बाद ट्रैक्शन वायर में बिजली चली जाने के कारण ट्रेन गिधौर स्टेशन पर रुक गई। झाझा से जमुई तक बिजली सफलतापूर्वक चार्ज हो गई थी, लेकिन गिधौर स्टेशन पर ट्रैक्शन वायर में खराबी आ गई, जिससे ट्रेनें आगे नहीं बढ़ पाईं।
समस्या की सूचना मिलने पर गिधौर स्टेशन के प्रबंधक ने तुरंत वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों को सूचित किया और झाझा से ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन (टीआरडी) टीम ने अपनी जांच शुरू की। खराबी गिधौर और चौरा के बीच पोल नंबर 379/7 के पास ट्रैक्शन वायर के नीचे स्थित चिमनी स्टोन स्टडर में पाई गई। खराब कंपोनेंट को बदला गया, जिससे बिजली बहाल हो गई और गुरुवार सुबह 5:25 बजे अप लाइन पर ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू हो गया।
ट्रेन सेवाओं की बहाली
मरम्मत के बाद रवाना होने वाली पहली ट्रेन पंजाब मेल एक्सप्रेस थी, जो परिचालन फिर से शुरू होने के कुछ ही समय बाद गिधौर स्टेशन से रवाना हुई। पंजाब मेल के बाद, गंगासागर और विभूति एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ-साथ अन्य एक्सप्रेस सेवाओं ने भी झाझा स्टेशन से अपनी यात्रा फिर से शुरू की, जिससे उन यात्रियों को राहत मिली, जिन्होंने कई घंटों तक अनिश्चितता और परेशानी झेली थी।
यात्रियों का डर और चिंताएँ
यह व्यवधान जसीडीह-किउल रेल खंड पर हुआ, जो पहाड़ी और जंगली इलाका है। रात के दौरान रुकी हुई कई एक्सप्रेस ट्रेनें इन सुनसान इलाकों के स्टेशनों पर खड़ी रहीं, जिससे यात्रियों में संभावित सुरक्षा खतरों या अप्रिय घटनाओं का डर बढ़ गया। नरगंजो, घोरपारन, सिमुतला और गिधौर जैसे स्टेशनों पर ट्रेनें घंटों तक रुकी रहीं, चिंतित यात्री अपनी ट्रेनों के बारे में अपडेट की तलाश में बार-बार रेलवे के टोल-फ्री नंबरों पर कॉल करते रहे।
जैसे-जैसे भोर हुई और ट्रेनें धीरे-धीरे चलने लगीं, यात्रियों ने राहत महसूस की कि रात भर की परेशानी के बाद आखिरकार उनकी यात्रा जारी रह सकी। पांच घंटे की इस बाधा के कारण पूरे रेल नेटवर्क में व्यापक देरी हुई, जिसके कारण गिधौर में 13005 अप पंजाब मेल, झाझा में 12333 विभूति और 13185 गंगासागर, तथा नरगंजो में 15027 मौर्य एक्सप्रेस सहित कई एक्सप्रेस ट्रेनों को मरम्मत के दौरान अलग-अलग स्टेशनों पर रुकना पड़ा। हावड़ा-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस (12351) और टाटा-ताबे एक्सप्रेस (18181) जैसी उल्लेखनीय ट्रेनें भी ट्रैक्शन वायर की खराबी से प्रभावित हुईं।
घटना के बाद, रेलवे कर्मचारियों और यात्रियों दोनों ने असुविधा के कारण निराशा व्यक्त की, हालांकि उन्होंने खराबी को दूर करने और जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने में रेलवे अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया को स्वीकार किया।
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