रिश्वतखोरी के आरोपी आवास सहायक गुंजन कुमार गुंजन को कई महीनों तक फरार रहने के बाद जमुई से गिरफ्तार किया गया

रिश्वतखोरी के आरोपी आवास सहायक गुंजन कुमार गुंजन को कई महीनों तक फरार रहने के बाद जमुई से गिरफ्तार किया गया

जमुई, 14 मई – पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के संबंध में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व ग्रामीण आवास सहायक गुंजन कुमार गुंजन को गिरफ्तार कर लिया है। इस साल की शुरुआत में उसके खिलाफ गंभीर आरोप सामने आने के बाद से ही वह फरार था, जिसके कारण उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

बलथर पंचायत में ग्रामीण आवास सहायक के रूप में कार्यरत गुंजन को मंगलवार की सुबह स्थानीय पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में स्थित पेलवाजन गांव से पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया। वह मूल रूप से लखीसराय जिले के चानन थाना क्षेत्र के रामसीर गांव का रहने वाला है।

गुप्त सूचना के आधार पर हुई गिरफ्तारी
पुलिस निरीक्षक और थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, फरार आरोपी के ठिकाने के बारे में पुलिस को विश्वसनीय सूचना मिलने के बाद गिरफ्तारी हुई। सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एक टीम को पेलवाजन भेजा गया, जहां गुंजन को बिना किसी प्रतिरोध के गिरफ्तार कर लिया गया।

उसे हिरासत में ले लिया गया है और उसे अदालत में पेश किया जाएगा। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण कदम है।

रिश्वत के आरोप का विवरण
यह मामला 25 मार्च का है, जब बलथर गांव के निवासी संतोष दास ने जिला मजिस्ट्रेट को एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की, जिसमें गुंजन पर प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की प्रतीक्षा सूची में नाम जोड़ने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था – यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को आवास प्रदान करना है।

शिकायत के अनुसार, 5 मार्च को गुंजन ने संतोष दास से पीएमएवाई प्रतीक्षा सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए कथित तौर पर 1,500 रुपये की रिश्वत मांगी। इस राशि में से 500 रुपये नकद दिए गए, जबकि शेष 1,000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए। संतोष को संदेह हुआ कि इसमें गड़बड़ी है, इसलिए उसने चुपके से नकदी के लेन-देन का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और बाद में फुटेज को सार्वजनिक कर दिया, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो गया।

त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई
वायरल वीडियो और शिकायत के बाद, जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी। उप विकास आयुक्त (डीडीसी) ने जांच की और निष्कर्षों के आधार पर गुंजन कुमार गुंजन के अनुबंध को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश दिया।

इसके बाद, उप विकास आयुक्त के निर्देश पर प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मोहम्मद मोइनुद्दीन ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में गुंजन के खिलाफ औपचारिक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई।

त्वरित प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई के बावजूद, गुंजन गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा और छिप गया। पेलवाजन से उसकी गिरफ्तारी के साथ ही अधिकारियों द्वारा हफ्तों तक चलाए गए तलाशी अभियान का अंत हो गया।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और प्रभाव
इस घटना ने स्थानीय निवासियों, खासकर पीएमएवाई लाभार्थियों में आक्रोश पैदा कर दिया है, जिनमें से कई अब सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के चयन और कार्यान्वयन प्रक्रिया में सख्त निगरानी और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। कई कार्यकर्ताओं और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भी गरीबों और कमजोर लोगों के इस तरह के शोषण को रोकने के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की स्थापना की मांग की है।

गुंजन कुमार गुंजन की गिरफ्तारी को भ्रष्ट अधिकारियों और बिचौलियों के लिए एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर आर्थिक रूप से वंचित नागरिकों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं में।

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जांच यह निर्धारित करने के लिए जारी रहेगी कि क्या अन्य अधिकारी या व्यक्ति इसी तरह की प्रथाओं में शामिल थे। चल रही जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की उम्मीद है।


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