बिहार बजट 2025-26: 3 लाख करोड़ का बजट, व्यापारियों की उम्मीदें और प्रमुख सुधारों की संभावना

बिहार बजट 2025-26: मुख्य तिथियाँ और अपेक्षाएँ

जैसे-जैसे बिहार अपने बजट सत्र के लिए तैयार हो रहा है, मुख्य तिथियाँ और कार्यक्रम आकार लेने लगे हैं। बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 28 फरवरी, 2025 को शुरू होने की उम्मीद है, हालाँकि अंतिम पुष्टि 4 फरवरी को निर्धारित कैबिनेट बैठक के बाद होने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट 3 मार्च, 2025 को पेश किए जाने की संभावना है।

बजट सत्र का उद्घाटन
बजट सत्र की शुरुआत पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण से होगी, जो कार्यवाही की औपचारिक शुरुआत होगी। इसके अतिरिक्त, राज्य की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी, जो पिछले एक साल में बिहार की वित्तीय और विकासात्मक प्रगति का अवलोकन प्रदान करेगी। हालाँकि, यह ध्यान दिया गया है कि 1 मार्च (शनिवार) और 2 मार्च (रविवार) को कोई कार्यवाही नहीं होगी क्योंकि दोनों दिन छुट्टी है।

प्रमुख आंकड़े और वित्तीय अपेक्षाएँ
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, नए वित्तीय वर्ष के लिए बिहार का बजट ₹3 लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। यह राज्य की अपनी विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में अपने नागरिकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। वार्षिक बजट के साथ-साथ, चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) के लिए तीसरा अनुपूरक बजट भी इस सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है।

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे
बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी 3 मार्च को विधानसभा में बजट पेश करने की उम्मीद है। जैसे-जैसे राज्य इस महत्वपूर्ण वित्तीय घटना की तैयारी कर रहा है, विकास को गति देने, कल्याणकारी पहलों का समर्थन करने और बुनियादी ढाँचे में सुधार करने के उद्देश्य से नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

स्थानीय व्यापार क्षेत्र की अपेक्षाएँ: नवादा जिले पर ध्यान दें
बिहार भर के व्यापारिक समुदाय पहले से ही राज्य और केंद्रीय बजट दोनों से अपनी अपेक्षाएँ व्यक्त कर रहे हैं। नवादा जिले में, जहाँ बजट उद्यमियों और व्यापारियों के लिए विशेष महत्व रखता है, ऐसे सुधारों की उम्मीद अधिक है जो वित्तीय दबावों को कम करेंगे और बाजार गतिविधि को बढ़ावा देंगे।

1 फरवरी के लिए बजट वॉच
1 फरवरी, 2025 को भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करने वाली हैं। इस राष्ट्रीय बजट का बिहार के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों के आर्थिक परिदृश्य पर गहरा असर पड़ेगा। आम नागरिकों से लेकर व्यवसायी, किसान, गृहणियाँ और विभिन्न क्षेत्रों के करदाता, सभी की उम्मीदें आगामी बजट घोषणा पर टिकी हैं।

नवादा में व्यावसायिक उम्मीदें
केंद्रीय बजट की उल्टी गिनती जारी है, नवादा में स्थानीय उद्यमी और उद्योग प्रतिनिधि अपनी चिंताओं और अनुरोधों के बारे में मुखर रहे हैं। सराफा व्यापारी, दवा विक्रेता और निर्माण सामग्री व्यापारी सहित जिले के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र अपनी माँगों को स्पष्ट करने में विशेष रूप से सक्रिय रहे हैं।

सराफा व्यापारी: आभूषणों पर कर राहत
सराफा बाजार में बढ़ती लागत ने सोने और चांदी के आभूषणों को कई आम लोगों की पहुँच से बाहर कर दिया है। नवादा के व्यापारी सरकार से आभूषण वस्तुओं पर केंद्रीय करों को कम करके राहत देने का आग्रह कर रहे हैं। प्रमुख सर्राफा व्यापारी अनिल कुमार का मानना ​​है कि कर छूट से बाजार में खरीद-फरोख्त बढ़ेगी, जिससे कारोबारी गतिविधियों में तेजी आएगी।

फार्मास्युटिकल सेक्टर: जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें कम
फार्मास्युटिकल सेक्टर भी सुधारों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। जिले के दवा विक्रेता राजन कुमार ने जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें कम करने की जरूरत पर जोर दिया है, जो लगातार महंगी होती जा रही हैं। उन्होंने दवाओं के निर्माण, प्रबंधन और बिक्री, खासकर जेनेरिक दवा कंपनियों की दवाओं पर बेहतर नियमन के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना ​​है कि इससे आम जनता को काफी फायदा होगा।

बिल्डिंग मटेरियल व्यापारी: जीएसटी और कराधान को सरल बनाना
बिल्डिंग मटेरियल के व्यापारी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में बदलाव की मांग कर रहे हैं। स्थानीय बिल्डिंग मटेरियल व्यापारी जितेंद्र प्रसाद गुप्ता जीएसटी और सेवा कर को सरल बनाने की मांग कर रहे हैं, खासकर नए व्यापारियों के लिए। उनका मानना ​​है कि नए व्यापारियों को कर छूट प्रदान करने से उन्हें आगे बढ़ने और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देने में मदद मिलेगी। उन्होंने आयकर छूट सीमा में वृद्धि की जरूरत पर भी जोर दिया, जिससे कई करदाताओं को राहत मिलेगी।

निष्कर्ष
जैसे-जैसे बिहार और देश के बाकी हिस्से केंद्रीय और राज्य बजट पेश करने की तैयारी कर रहे हैं, समाज के सभी वर्गों में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। आने वाले बजट राज्य के वित्तीय और विकासात्मक प्रक्षेपवक्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का वादा करते हैं। आम आदमी और कारोबारी क्षेत्र दोनों ही इस पर करीब से नज़र रख रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी चिंताओं को दूर करेगी और अधिक समृद्ध भविष्य की दिशा में कदम उठाएगी।


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