जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वेतन धोखाधड़ी
विषय: स्टाफ नर्स प्रतिभा कुमारी-6
धोखाधड़ी की अवधि: लगभग 3 वर्ष
अनुमानित नुकसान: ₹28 लाख
घटनाओं का सारांश:
अनियमितताएँ पाई गईं: स्टाफ नर्स प्रतिभा कुमारी को काम पर शारीरिक रूप से उपस्थित हुए बिना तीन वर्षों से पूरा वेतन मिलता पाया गया।
छुट्टी का दुरुपयोग: प्रतिभा ने मेट्रन के कार्यालय में 37 छुट्टी के आवेदन प्रस्तुत किए, जिनमें से सभी को स्वीकृत कर दिया गया। इसके बावजूद, उनकी उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज की गई और अधीक्षक के कार्यालय को भेज दी गई।
उपस्थिति प्रक्रिया की अनदेखी: नर्सों के लिए दो स्तरों पर उपस्थिति आवश्यक है- बायोमेट्रिक प्रविष्टि और विभागीय रजिस्टर। हालांकि, प्रतिभा के मामले में विसंगतियों को नजरअंदाज कर दिया गया।
मिलीभगत का संदेह: पैथोलॉजी विभाग, अधीक्षक कार्यालय और मेट्रन कार्यालय में कुछ कर्मचारियों के बीच कथित मिलीभगत।
लिपिकीय चूक: क्लर्कों ने छुट्टी के रिकॉर्ड की जांच किए बिना ही उसका वेतन जारी रखा। लगातार अनुपस्थित रहने वालों को चिह्नित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी।
प्रणालीगत विफलताएँ:
छुट्टी के रिकॉर्ड को वेतन सृजन से मिलान करने के लिए कोई उचित तंत्र नहीं।
पूर्व अधीक्षक डॉ. उदय नारायण सिंह और डॉ. राकेश कुमार, जिनके कार्यकाल में धोखाधड़ी हुई, से कोई जवाबदेही या जाँच नहीं।
वेतन संवितरण प्रक्रिया में आवश्यक अधिकारियों (नियमों के अनुसार न्यूनतम तीन) द्वारा सत्यापन नहीं किया गया।
वर्तमान कार्रवाई:
कारण बताओ जारी: वेतन प्रसंस्करण के लिए जिम्मेदार क्लर्क को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
जाँच शुरू: वर्तमान अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा द्वारा एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
सत्यापन लंबित: प्रतिभा द्वारा लिए गए अवकाश दिनों की संख्या की जाँच की जा रही है।
संभावित कानूनी कार्रवाई: जाँच पूरी होने पर सभी शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया गया है।
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