यह एक दुखद और शोकपूर्ण घटना थी, जो जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुई एक आतंकवादी हमले से जुड़ी हुई है, जिसमें 26 निर्दोष लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। यह घटना न केवल कश्मीर बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख देने वाली थी। इस हमले में पर्यटकों और एक खुफिया अधिकारी की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब आतंकवादियों ने कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन घाटी में पर्यटकों और स्थानीय लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी की आवाज़ें सुनकर स्थानीय लोग और पर्यटक घबराए हुए थे, लेकिन आतंकवादियों का यह समूह जंगल में छिपकर भागने में सफल हो गया।
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। इस हमले में मारे गए 26 लोगों में अधिकांश पर्यटक थे, जो कश्मीर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने के लिए आए थे। घटना के बाद कश्मीर में सुरक्षा बलों ने तत्परता से कार्रवाई की और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक अभियान चलाया। हालांकि, इस घटना से पहले ही दुनिया भर के नेताओं और देशों से इस हमले के खिलाफ कड़ी निंदा और शोक व्यक्त किया गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को “बेहद परेशान करने वाली” बताते हुए भारत के साथ अमेरिकी समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि “हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़े हैं और हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा, “इस क्रूर अपराध का कोई औचित्य नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि इसके आयोजकों और अपराधियों को उचित सजा मिलेगी। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “सऊदी अरब भारत के साथ खड़ा है और इस दुख की घड़ी में हर संभव सहायता प्रदान करेगा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “जो लोग इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और भी मजबूत होगी।”
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सा’र ने भी शोक व्यक्त किया। इज़राइल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा होने का संकल्प व्यक्त किया। संयुक्त अरब अमीरात और श्रीलंका जैसे देशों ने भी इस घटना की निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।
ईरान और श्रीलंका की सरकारों ने भी अपने बयान जारी कर भारत और पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता का इजहार किया। इन देशों ने यह भी सुनिश्चित किया कि वे भारत के साथ इस संघर्ष में खड़े हैं और कश्मीर की शांति और सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेंगे।
यह घटना जम्मू और कश्मीर में हाल के वर्षों में सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक मानी जा रही है। इसके बाद की प्रतिक्रियाएं केवल इस हमले की निंदा नहीं हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सभी देशों को सहयोग करना जरूरी है। यह हमला न केवल कश्मीर के स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे भारत और दुनिया के लिए एक दुखद दिन था।
इस घटना ने यह भी उजागर किया कि कश्मीर में पर्यटन के बीच सुरक्षा की चुनौतियां भी बढ़ रही हैं, और यह सुनिश्चित करना कि ऐसे हमलों को रोका जाए, भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है।
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