प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार: रिश्वत लेते पकड़े गए ग्रामीण आवास सहायक, सेवा से बर्खास्त

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोप पर सख्त कार्रवाई: आवास सहायक सेवा से बर्खास्त

दिनांक 27 मार्च 2025 को सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार चैनलों पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें श्री गुंजन कुमार गुंजन, ग्रामीण आवास सहायक, बलथर, प्रखंड-सोनो, को प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ने के एवज में रिश्वत लेते हुए दिखाया गया। वीडियो में यह स्पष्ट था कि श्री गुंजन कुमार, श्री संतोष कुमार दास, पिता- बालेश्वर रविदास, निवासी ग्राम- बलथर, पंचायत- बलथर, थाना एवं प्रखंड- सोनो से आवास योजना में नाम जोड़ने के बदले रिश्वत मांग रहे थे। इस घटना ने प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचा दी।

जिला पदाधिकारी द्वारा कड़ी कार्रवाई का आदेश

जिला पदाधिकारी महोदया, श्रीमती अभिलाषा शर्मा, ने इस वायरल वीडियो का सख्त संज्ञान लिया और तत्काल जांच के आदेश जारी किए। इस घटना की जांच और सत्यापन का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने वीडियो की सत्यता की पुष्टि के लिए गहन जांच की।

जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि श्री गुंजन कुमार गुंजन ने आवास योजना में नाम जोड़ने के लिए ग्रामीणों से अवैध रूप से पैसे लेने का प्रयास किया, जिससे गरीब और जरूरतमंद ग्रामीण इस योजना से वंचित हो रहे थे। इसके साथ ही, इस भ्रष्टाचार ने सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना पर गंभीर प्रश्न खड़े किए।

उप विकास आयुक्त द्वारा कड़ी सजा

जांच के उपरांत, भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण मिलने पर उप विकास आयुक्त जमुई, श्री सुभाष चंद्र मंडल द्वारा दिनांक 29 मार्च 2025 को आदेश जारी किया गया। आदेश के तहत, ग्रामीण आवास सहायक, श्री गुंजन कुमार गुंजन को सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया। इस बर्खास्तगी ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी महत्वाकांक्षी और जनहितैषी योजना में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना में पारदर्शिता पर जोर

यह मामला उस वक्त सामने आया जब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सर्वेक्षण का कार्य चल रहा था। सरकार इस योजना के तहत हर जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति को घर मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में इस योजना में किसी भी प्रकार की धांधली या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और योजना का लाभ सही और पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे।

यह मामला एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्परता से कार्रवाई की जा रही है। इस घटना ने यह भी संदेश दिया कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने की कोशिश करेगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी। इस प्रकार की कठोर कार्रवाई से अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सतर्क रहने की सीख मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि गरीबों और वंचितों तक सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचे।

जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके और भ्रष्टाचारमुक्त शासन व्यवस्था बनाई जा सके।


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