पूर्व विधायक अनंत सिंह पर हमला: अंदरूनी कहानी
मोकामा के पंचमहला थाना अंतर्गत नौरंगा-जलालपुर गांव में बुधवार शाम को हिंसक विवाद हुआ। इस विवाद में पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थक और कुख्यात सोनू-मोनू गिरोह के सदस्य शामिल थे, जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर गोलीबारी हुई।
घटना का मुख्य विवरण:
संघर्ष की शुरुआत: गांव में एक घर को लेकर संपत्ति विवाद के कारण हिंसा भड़की।
गोलीबारी: संघर्ष के दौरान कथित तौर पर 50-60 राउंड गोलियां चलीं। अनंत सिंह बाल-बाल बच गए, जबकि गिरोह के सदस्य सोनू और मोनू मौके से भाग गए।
घायलों की रिपोर्ट: अनंत सिंह के समर्थक उदय यादव गर्दन में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए पटना ले जाया गया।
पुलिस की प्रतिक्रिया:
बाढ़ के एएसपी राकेश कुमार और उनकी टीम घटनास्थल पर पहुंचे, तीन गोलियों के खोखे बरामद किए और जांच शुरू की। जब तक पुलिस पहुंची, हमलावर भाग चुके थे।
संपत्ति विवाद के संबंध में मकान मालिक ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
सामुदायिक तनाव:
इसमें शामिल दोनों गांवों के बीच तनाव बहुत अधिक है। भयभीत निवासियों ने अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद कर ली हैं, और पुलिस ने आगे की हिंसा को रोकने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। नौरंगा को अनिवार्य रूप से पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, और आस-पास के थानों की पुलिस हाई अलर्ट पर है।
विवाद का कारण:
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सोनू-मोनू गिरोह ने एक परिवार को जबरन उनके घर से निकाल दिया, उन्हें बाहर से बंद कर दिया। जब अनंत सिंह और उनके समर्थकों को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने गिरोह का सामना किया, जिसके कारण गोलीबारी हुई।
सोनू-मोनू गिरोह की पृष्ठभूमि:
सोनू और मोनू जाने-माने अपराधी हैं, जो शुरू में ट्रेन डकैती में शामिल थे। बाद में वे कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में लग गए, जिससे वे इस क्षेत्र में कुख्यात हो गए।
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