शराब अड्डों पर छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला, डीजीपी के सख्त आदेश से बढ़ी सतर्कता

शराब के अड्डों पर छापेमारी के दौरान पुलिस टीम पर हमला; डीजीपी के नए आदेश ने चिंता बढ़ाई

रानीतालाब थाना क्षेत्र स्थित राघोपुर मुसहरी में शनिवार को अवैध शराब के अड्डों पर छापेमारी कर रही पुलिस टीम पर हमला किया गया। हमलावरों ने अधिकारियों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे एसआई शिव शंकर समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। अचानक हुए हमले से अफरातफरी मच गई और कई पुलिसकर्मियों को खुद को बचाने के लिए शरण लेनी पड़ी।

हमले के बाद थाने से अतिरिक्त बल बुलाया गया और हमले में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले में कुल 21 लोगों को नामजद किया गया, जबकि 18 अज्ञात लोगों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए।

छापे और हमले का विवरण

अतिरिक्त एसएचओ शिव शंकर के नेतृत्व में की गई छापेमारी में शिव कुमार, आफताब आलम, मुमताज अंसारी, मदन झा, ममता कुमारी, आकाश और विकास जैसे अधिकारी शामिल थे, क्योंकि उन्होंने होली के त्योहार से पहले अवैध शराब के अड्डों को निशाना बनाया था। छापेमारी के दौरान स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुछ स्थानीय लोगों ने ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिसमें एक बोलेरो और डायल 112 रिस्पांस वाहन का शीशा भी शामिल था।

घायल अधिकारी

हमले में घायल होने वालों में इंस्पेक्टर शिव शंकर, अधिकारी मदन झा, ममता कुमारी, आफताब आलम, मुमताज अंसारी और शिव कुमार के साथ-साथ दो अन्य इंस्पेक्टर शामिल हैं। घायल कर्मियों को स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।

एसएचओ प्रमोद कुमार ने पथराव में उनकी भूमिका के लिए पांच व्यक्तियों- विकास कुमार, नंदलाल मांझी, संजू मांझी, गणेश मांझी और लंकेश मांझी की गिरफ्तारी की पुष्टि की। पहचाने गए और अज्ञात व्यक्तियों सहित कुल 39 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

डीजीपी ने हमलावरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया है। उन्होंने ऐसे मामलों की जांच और समाधान को प्राथमिकता देने तथा अपराधियों को कानूनी परिणाम भुगतने के लिए सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।

घटना के मद्देनजर डीजीपी ने पुलिस थानों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि छापेमारी और कार्रवाई के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए जाएं, खास तौर पर उन इलाकों में जहां शत्रुतापूर्ण तत्वों से मुठभेड़ का खतरा है। पत्रकारों से बात करते हुए डीजीपी कुमार ने बताया कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर हमलों के ऐसे ही मामलों में संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) इन घटनाओं पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं तथा पुलिस कर्मियों पर हमलों से जुड़े लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया गया है कि वे छापेमारी और कार्रवाई की योजना अधिक सावधानी से बनाएं तथा संभावित खतरनाक स्थानों पर पहुंचने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उनके पास पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद है।

डीजीपी ने पुलिस बल को मजबूत करने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया ताकि उनके अभियानों की प्रभावशीलता में सुधार हो तथा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


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